Gwalior fort
लाल बलुए पत्थर से बना यह किला की नीव सूरजसेन कच्छवाहा ने रखी जिसे बाद में मान सिंह तोमर ने किले का रूप दिया। एक ऊंचे पठार पर बने इस किले तक पहुंचने के लिये दो रास्ते हैं। एक 'ग्वालियर गेट' कहलाता है एवं इस रास्ते सिर्फ पैदल चढा जा सकता है। गाडियां 'ऊरवाई गेट' नामक रास्ते से चढ सकती हैं और यहां एक बेहद ऊंची चढाई वाली पतली सड़क से होकर जाना होता है। इस सड़क के आर्सपास की बडी-बडी चट्टानों पर जैन तीर्थकंरों की अतिविशाल मूर्तियां बेहद खूबसूरती से और बारीकी से गढ़ी गई हैं। किले की तीन सौ पचास फीट उंचाई इस किले के अविजित होने की गवाह है। इस किले के भीतरी हिस्सों में मध्यकालीन स्थापत्य के अद्भुत नमूने स्थित हैं। १५वीं शताब्दी में निर्मित गुजरी महल उनमें से एक है जो राजा मानसिंह और रानी मृगनयनी के गहन प्रेम का प्रतीक है। इस महल के बाहरी भाग को उसके मूल स्वरूप में राज्य के पुरातत्व विभाग ने सप्रयास सुरक्षित रखा है किन्तु आन्तरिक हिस्से को संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया है जहां दुर्लभ प्राचीन मूर्तियां रखी गई हैं जो कार्बन डेटिंग के अनुसार प्रथम शती ईस्वी की हैं। ये दुर्लभ मूर्तियां ग्वालियर के आसपास के क्षेत्रों से प्राप्त हुई हैं।
पिछले 1000 वर्षों से अधिक समय से यह किला ग्वालियर शहर में मौजूद है। भारत के सर्वाधिक दुर्भेद्य किलों में से एक यह विशालकाय किला कई हाथों से गुजरा। इसे बलुआ पत्थर की पहाड़ी पर निर्मित किया गया है और यह मैदानी क्षेत्र से 100 मीटर ऊंचाई पर है। किले की बाहरी दीवार लगभग 2 मील लंबी है और इसकी चौड़ाई 1 किलोमीटर से लेकर 200 मीटर तक है। किले की दीवारें एकदम खड़ी चढ़ाई वाली हैं। यह किला उथल-पुथल के युग में कई लडाइयों का गवाह रहा है साथ ही शांति के दौर में इसने अनेक उत्सव भी मनाए हैं। इसके शासकों में किले के साथ न्याय किया, जिसमें अनेक लोगों को बंदी बनाकर रखा। किले में आयोजित किए जाने वाले आयोजन भव्य हुआ करते हैं किन्तु जौहरों की आवाज़ें कानों को चीर जाती है।
आज, ग्वालियर का किला यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में खड़ा है, जो इतिहास के प्रति उत्साही, वास्तुकारों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करता है । यह किला न केवल भारत के अतीत की झलक पेश करता है बल्कि आसपास के परिदृश्य के मनोरम दृश्य भी प्रस्तुत करता है ।
इसके किले मै कई अद्भुत मंदिर , महल और कुंड देखने को मिलते हैं जिनमें से कुछ निम्न है
बारूद खाना आदि प्रमुख है
Thank-you
it is really a hard work done by you , really you are working very well for the development of tourism in your city , keep going on . I really appeceriate your work
ReplyDeletewell done keep going on