Jahangir and Shahjahan mahal Gwalior

 ग्वालियर किले का शाहजहाँ महल: मुगल वैभव की झलक

ग्वालियर किले में मुगल वास्तुकला का एक शानदार नमूना है - शाहजहाँ महल। 17वीं सदी की शुरुआत में शाहजहाँ द्वारा बनवाया गया, यह महल उनके शासनकाल के कलात्मक विकास का प्रारंभिक चरण दर्शाता है। लाल बलुआ पत्थर की नींव पर निर्मित, महल की बाहरी दीवारें सफेद संगमरमर से सुसज्जित हैं, जो बाद में शाहजहाँ के स्थापत्य कला में प्रमुखता से दिखाई देने वाली थी। 


यह महल विभिन्न शैलियों का एक अनूठा मिश्रण है। मुगल प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखता है, लेकिन भारतीय तत्वों का भी समावेश है। रंगीन पुष्प डिजाइनों से सजावट इसे आकर्षक बनाती है। माना जाता है कि यह महल शाहजहाँ के किले के भीतर पहले महल के रूप में बनाया गया था। 
शाहजहाँ महल इतिहास प्रेमियों और वास्तुकला के दीवाने पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। यह मुगल साम्राज्य के वैभव का प्रतीक है और ग्वालियर किले की समृद्ध विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

ग्वालियर किले का जहाँगीरी महल: इतिहास और शाही ठाठ का संगम


ग्वालियर किले में स्थित जहाँगीरी महल अपने ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य शैली के लिए विख्यात है। माना जाता है कि इस विशाल आयताकार भवन का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह तोमर ने मुगल सम्राट जहाँगीर के लिए करवाया था। हालाँकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह महल पहले से ही मौजूद था और जहाँगीर ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। 
यह महल लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसकी बाहरी साज-सज्जा सादगीपूर्ण है। मुगलकालीन स्थापत्य शैली के विपरीत, इसमें जटिल नक्काशी या मीनाकारी कम ही देखने को मिलती है। फिर भी, विशाल दरवाजे, खूबसूरत सीढ़ियाँ और आकार में छोटे पर अच्छी व्यवस्था वाले कमरे इस महल की भव्यता को दर्शाते हैं। जहाँगीरी महल हिंदू और एशियाई स्थापत्य शैली के मिश्रण का एक बेहतरीन उदाहरण है। ग्वालियर किले की यात्रा के दौरान जहाँगीरी महल अवश्य देखने योग्य स्थल है। 

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