Man Singh mahal gwalior
ग्वालियर का गौरवशाली अतीत: मान सिंह पैलेस
ग्वालियर दुर्ग के प्रांगण में ही स्थित है यह भव्य महल - मान सिंह पैलेस। यह महल न केवल स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि ग्वालियर के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आइए, मान सिंह पैलेस के बारे में विस्तार से जानें।
इतिहास के पन्नों में छिपी कहानी एवं स्थापत्य कला:
यह शानदार महल हिंदू वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। इसका निर्माण तोमर राजा मानसिंह तोमर ने 1508 ई. में करवाया था। राजा मान सिंह तोमर ग्वालियर के एक प्रतापी शासक थे, जिन्होंने 1486 से 1517 ईस्वी तक राज्य किया। यह महल उनकी शक्ति और वैभव का प्रतीक माना जाता है।
मान सिंह पैलेस चार मंजिला भवन है, महल में 4 मंजिलें हैं जिनमें से 2 मंजिलें भूमिगत हैं। महल लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है। महल का मुख्य द्वार भव्य और आकर्षक है। भवन के चारों ओर दो स्तरीय कक्ष बने हुए हैं, जो न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं बल्कि रक्षात्मक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण थे। महल के अंदर कई कमरे, हॉल और आंगन हैं। इनमें से दो गोलाकार हॉल विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। ये हॉल स्तंभों पर टिके हुए हैं और माना जाता है कि गर्मियों में तापमान कम करने के लिए बनाए गए थे। तीसरी मंजिल की योजना में दो खुले आंगन और विभिन्न सजाए गए स्तंभों और ब्रैकेटों द्वारा समर्थित विभिन्न कमरे हैं। इस मंजिल के नीचे झूलाघर, केसर कुंड और फांसीघर हैं।
महल की दीवारों पर हिंदू धार्मिक चिन्हों और ज्यामितीय आकृतियों की सुंदर नक्काशी की गई है। छतों पर कमल के आकार के डिजाइन देखे जा सकते हैं। महल को सुंदर चित्रों, विभिन्न रंगों की चमकदार टाइलों, मानव , बत्तख, हाथी, मोर, शेर, पौधे के पेड़ और आकर्षक स्तंभ वाले गुंबदों जैसी विभिन्न आकृतियों से सजाया गया है। यह महल किले की बाहरी दीवार पर जमीनी स्तर से. लगभग 300 फीट की ऊंचाई पर चट्टान के ऊपर बना हुआ है। सोलहवीं शताब्दी में जब किले पर मुगलों ने कब्जा कर लिया था तो इस स्थान को राज्य जेल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था
वर्तमान स्वरूप और पर्यटक सूचना (Current Status and Tourist Information)
वर्तमान में मान सिंह पैलेस भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के संरक्षण में है। यह महल अब निवास के रूप में उपयोग में नहीं है, लेकिन पर्यटकों के लिए खुला है।
पर्यटक सूचना
स्थान: ग्वालियर दुर्ग, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
समय: सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक (सभी दिन)
प्रवेश शुल्क:
भारतीय नागरिक: ₹15
विदेशी पर्यटक: ₹200
कैसे पहुंचे:
आप ग्वालियर किले तक टैक्सी या रिक्शा का सहारा ले सकते हैं। ग्वालियर किले के अंदर जाने के लिए अलग से प्रवेश शुल्क देना होता है।
मान सिंह पैलेस ग्वालियर के गौरवशाली इतिहास और स्थापत्य कला का एक जीता जागता सबूत है। यह पर्यटकों को उस युग में ले जाता है, जहां राजा-महाराजाओं का राज था और भव्य महलों का निर्माण होता था।
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